मैं रिसता रहा रिसता रहूंगा तू क्या जाने पीर मेरा। मैं रिसता रहा रिसता रहूंगा तू क्या जाने पीर मेरा।
आज भारत के प्रसिद्ध कवि, हरिवंश राय बच्चन, की है पूण्य तिथि। आज भारत के प्रसिद्ध कवि, हरिवंश राय बच्चन, की है पूण्य तिथि।
कितना रंगी है नज़ारा दूर का, रुप ने धरा है ये रुतबा हूर का। कितना रंगी है नज़ारा दूर का, रुप ने धरा है ये रुतबा हूर का।
तुम बिन अधूरी सृष्टि हमारी नमन हैं हे नारी शक्ति। तुम बिन अधूरी सृष्टि हमारी नमन हैं हे नारी शक्ति।
प्रेम के रूप अनेक प्रेम के अलग नाम बिन प्रेम के चल न पाये ये संसार। प्रेम के रूप अनेक प्रेम के अलग नाम बिन प्रेम के चल न पाये ये संसार।
जो आंखें कह नही सकतीं वही मै बात लिखता हूँ। जो आंखें कह नही सकतीं वही मै बात लिखता हूँ।